पिछले ८-१० दिन से नवाबों के शहर हैदराबाद में हूं...रोजी रोटी, याने नौकरी, घर से बहुत दूर खींच लायी है.नया शहर , नयी नौकरी और नये लोग...अभी हमारे सामने सबसे बडी समस्या है, नया घर ढूंढने की, फिलहाल एक होटल में रह रहा हूं पर ज्यादा दिन तो होटल में नही रह सकते ना..और कब तक अनिकेतन रहेंगे.. कल शनिवार, याने वीकेंड था, और पहला दिन, जब हम फ्री थे...तो निकल पडे फ्लेट/मकान ढूंढने... काफी धक्के खाये पर अभी कुछ मिला तो नही, पर कसम से...एक आध जगह तो क्या रोचक वाकयात हुए... एक जगह..To-Let का बोर्ड देख कर घंटी बजायी... एक छोटी लडकी ने, खिडकी में से ही पूंछा..."क्या है?" "जी वो मकान..." कुछ पूंछने भीतर गयी...फिर आयी, "हिन्दू, या मुस्लिम?" "जी हिन्दू" फिर कुछ पूंछने भीतर गयी...फिर आयी "वेज्ज, या नोन वेज्ज...?" मैं बोला...मै वेज्ज, मेरा दोस्त नोन वेज्ज अब तक थोडा गुस्सा आने लगा था, पर मकान तो चहिये था... वो लडकी फिर भीतर गयी, और इस बार एक बुजुर्ग महिला साथ आयी... "फेमिली, या बेच्चलर..?" "जी बेच्चलर.." "नही जी, हम तो सिर्फ फेमिली ...