मिसाल
हरा भरा ठूंठ.
ताज़िन्दग़ी ढोया हुआ,
थोडा सच, थोडा झूठ.
बोलता पानी.
बरसों से चुप,
खामोश जुबां की कहानी
चूल्हे में राख.
आक्रोशित मन की,
बुझी हुई आग.
टूटा फूटा सामान.
बरसों से संजोये हुए,
बिखरे हुए अरमान.
तपती हुई रेत,
अकाल की मार से,
पिचका हुआ पेट.
मिसालें हैं कई.
कुछ कही, कुछ अनकही,
कभी ग़लत, कभी सही.
कुछ शब्द बन कर निकलीं,
कुछ आँसू बन कर बही.
थोडा बहुत कह दिया,
काफी कुछ दिल में ही रही.
# नितिन - २८ अप्रेल २००६
ताज़िन्दग़ी ढोया हुआ,
थोडा सच, थोडा झूठ.
बोलता पानी.
बरसों से चुप,
खामोश जुबां की कहानी
चूल्हे में राख.
आक्रोशित मन की,
बुझी हुई आग.
टूटा फूटा सामान.
बरसों से संजोये हुए,
बिखरे हुए अरमान.
तपती हुई रेत,
अकाल की मार से,
पिचका हुआ पेट.
मिसालें हैं कई.
कुछ कही, कुछ अनकही,
कभी ग़लत, कभी सही.
कुछ शब्द बन कर निकलीं,
कुछ आँसू बन कर बही.
थोडा बहुत कह दिया,
काफी कुछ दिल में ही रही.
# नितिन - २८ अप्रेल २००६
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