कैसा होगा मौसम...?
समझ नही आ रहा इसे खुश खबरी मानें या दुखखबरी, मौसम विभाग ने फरमाया है कि इस साल मानसून सामन्य से कम रहेगा...
भई है तो दुख खबरी ही, क्योंकि अपने यहाँ में हिन्दुस्तान तो पूरा बाजार ही मानसून पे टिका हुआ है...तो फिर खुशखबरी क्यों...वो इसलिये,कि जरा बताइये पिछली बार कब ऐसा हुआ था कि मौसम वालों ने सटीक भविष्यवाणी की थी?अगर कहते हैं कि मौसम शुष्क रहेगा तो मतलब होता है कि छाता लेकर ही घर से निकलना...बारिश हो सकती है...और अगर बूंदाबांदी के आसार बताए, तो समझिये कि बिन्दास धूप निकलेगी...बिल्कुल बेफिक्र रहिये...
एक बात और है...इनका सामान्यता का पैमाना भी थोडा टेढा होता है...अगर किसी एक भाग में १०० सेमी बरसात(याने बाढ) हुई और किसी एक में ७८ सेमी (याने कम) तो इनका औसत हो गया ८९ सेमी(जो कि सामन्य है)...तो फिर क्या फिकर है...?
याने सामान्य से कम मानसून को अभी तो हमारा (Un)Common sense मान नही रहा है
और फिर राम जी के आगे किसी की चली है भला......
भई है तो दुख खबरी ही, क्योंकि अपने यहाँ में हिन्दुस्तान तो पूरा बाजार ही मानसून पे टिका हुआ है...तो फिर खुशखबरी क्यों...वो इसलिये,कि जरा बताइये पिछली बार कब ऐसा हुआ था कि मौसम वालों ने सटीक भविष्यवाणी की थी?अगर कहते हैं कि मौसम शुष्क रहेगा तो मतलब होता है कि छाता लेकर ही घर से निकलना...बारिश हो सकती है...और अगर बूंदाबांदी के आसार बताए, तो समझिये कि बिन्दास धूप निकलेगी...बिल्कुल बेफिक्र रहिये...
एक बात और है...इनका सामान्यता का पैमाना भी थोडा टेढा होता है...अगर किसी एक भाग में १०० सेमी बरसात(याने बाढ) हुई और किसी एक में ७८ सेमी (याने कम) तो इनका औसत हो गया ८९ सेमी(जो कि सामन्य है)...तो फिर क्या फिकर है...?
याने सामान्य से कम मानसून को अभी तो हमारा (Un)Common sense मान नही रहा है
और फिर राम जी के आगे किसी की चली है भला......
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समीर लाल
समीर लाल