ओणम
आज सुबह से(बल्कि कल रात से ही) मस्त मौसम बना हुआ है, खूब बारिश हो रही है भोपाल में, और कल ही अखबार में पढा था कि "मौसम विभाग के अनुसार शहर से मानसून विदा ले रहा है"...धन्य है मौसम विभाग.
वही दूसरी और मेरे गृह राज्य राजस्थान में इस साल फिर अकाल की आशंका है.मेरा गाँव(sorry कस्बा) यहाँ से बस १७० किलोमीटर है..पर इंद्रदेवता वहाँ जाने को तैयार ही नही....
आज ओणम का त्यौहार है. उत्तर भारत में तो किसी को इसका पता भी नही होता , लेकिन दक्षिण में और खासतौर से केरल में यह बडी धूम से मनाया जाता है. मुझे इसलिये याद रह(आ)जाता है क्योंकि केरल के कई स्कूली मित्रों से अभी भी सम्पर्क में हूँ(इन्टरनेट की कृपा से)
मैने भी अपनी जिन्दगी के दो ओणम केरल में ही बिताए हैं. जवाहर नवोदय विद्यालय,मलमपुझा,केरल में जब नवीं और दसवीं की पढाई की. ओणम पर स्कूल में ३-४ दिन का अवकाश हुआ करता था और सभी स्थानीय छात्र अपने अपने घरों पर जाया करते थे.अब चूँकि हम राजस्थानी छात्रों को घर भेज पाना सम्भव नही था(६ दिन तो आने जाने के लिये चाहिये)अतः हमें भी अपने स्थानीय मित्रों के साथ उन्ही के घरों पर भेज दिय जाता था.(हाँ होली दिवाली पर ना छुट्टी मिलती थी न ही कही जाना हो पाता था,पटाखों और रंगों का इंतजाम तक नही हो पाता था :( .पहले वर्ष मैं अनीश के घर गया,वो मुझसे एक या दो साल जूनियर था,और दूसरे साल शैजू के घर जो मेरा ही सहपाठी था, अनीश अब कहाँ हैं, नही पता, लेकिन शैजू से अभी जून में दिल्ली में मुलाकत हो गयी(करीब ८-१० साल बाद मिले हम), बहुत खुशी हुई.
तो केरल के वो ओणम आज तक याद हैं,वहाँ की प्रसिद्ध नौका दौड तो नही देखी पर जो रीति रिवाज और परम्पराएं, खाना-पीना था वो आज तक याद है.
अभी भी कक्षा में एक सहपाठी (मनोज)केरल से है, सुबह उसे ओणम की बधाई दी.दिन में खाने के स्मय उसका कहना था 'hey man! everybody in Kerala might be having feast now, & i m having this Chappati & Sabjee :-X....)
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yaar thumhara bahut acha hindi blog hai, jeeyo mere dost.