घर

मिले ज़िन्दगी मे चाहे ठोकरे कई,
लम्बे हो अनजाने कितने सफर.
दुनिया मे चाहे कही भी रहूँ,
मन का एक कोना पुकारता है "घर".

# नितिन

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