हिन्दी ब्लोग लिखने का सन्कल्प करीब चार महीने पहले लिया था जब मुझे पता लगा था कि हिन्दी मे भी ब्लोग लिखे जा सकते है और मैने हिन्दी चिट्‍ठे पढने शुरु किये और तब से बस बाकी लोगो के ब्लोग पढ कर काम चला रहा था। वैसे अगर मुझे बोलने और लिखने दोनो के मामले मे हिन्दी और अन्ग्रेजी मे से किसी एक को चुनना हो तो मै हिन्दी को ही प्राथमिकता देता हू, पर यहा इन्‍टरनेट पर (या कहे कम्‍प्‍यूटर पर)हिन्दी टाइप करने मे बडी समस्या आती है और वैसे भी हम ठहरे पक्के आलसी सो अपने अन्ग्रेजी ब्लोग के करीब ६ महीने बाद यह हिन्दी ब्लोग शुरु हो रहा है..इन चार पँक्‍तियो के साथ...

बहुत दिनो से सोच रहे लिखना हिन्दी ब्‍लोग ,
ठहरे पक्के आलसी, लगा नही सन्योग।
लगा नही सन्योग आज शुभ दिन यह आया,
"इन्‍द्रधनुषी" चिट्‍ठा यह अस्तित्व मे आया।

Comments

Santosh said…
congrats mr. bagla.. great work..

Badhai ho aapko aapke naye hindi chittha ke shuraat par..
Santosh said…
congrats mr. bagla.. great work..

Badhai ho aapko aapke naye hindi chittha ke shuraat par..
Nitin Bagla said…
धन्‍यवाद मित्र, इस हौंसलाअफजाई के लिये :)
eSwami said…
नितिन, हिंदी चिट्ठे की शुरुआत पर बधाई.

आसानी के लिए कृपया अपने चिट्ठे पर हग टूल की कडी ताजा कर लेंवें अब नए संस्करण में ट्रन्सलेट का बटन दबाए बिना हिंदी मे लिख पाएंगे. http://hindini.com/tool
दो और पंक्तियाँ जोडकर आपकी कुन्डलिया पूरी करता हुँ :

कह नितिन कविराय , सुनो हे उपर वाले ।
लिखना नहीं रुकेगा अब , कोइ कितना जोर लगा ले ।

शुभ्कामनायें एवं बधाई !

अनुनाद
नितिन भाई,
हिन्दी चिट्ठाकारी मे आपका स्वागत है, आशा है आप रोज लिखेंगे।
कमेन्ट यूनिनागरी द्वारा की गयी,धन्यवाद रमण
Anonymous said…
स्वागत है हमारी तरफ से भी।
Nitin Bagla said…
धन्‍यवाद, आप सबको,इस उत्‍साहवर्धन के लिये... :-)
Atul Arora said…
स्वागत है हमारी तरफ से भी।

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